ठि. सामल (मेवाड़ का तृृतीय श्रेणी का ठिकाना गोल के जागीरदार की वंशावली)
ठि. सामल (मेवाड़ का तृृतीय श्रेणी का ठिकाना गोल के जागीरदार की वंशावली)
महारावत दूल्हा जी -(बदनोर के जागीरदार) मेवाड़ के महाराणा लाखा के चैथे पुत्र, उन्हें महाराणा कुंभा द्वारा 84 गाँव के साथ बदनोर की जागीर दी गई थी, लेकिन बाद में बदनोर उनके वंशजों से खालसा कर दी गई , राम सिंह की पुत्री अमर कंवर जैतमालोत से पहली शादी, चैहान रायदास जी की बेटी सायर कंवर चैहान से दूसरी शादी की। कुंवर पृथ्वीराज, रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुए।
कुंवर चाप सिंह
कुंवर रणमल, रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुए।
कुंवर भारमल रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुए।
कुंवर ओप जी रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुए।
कुंवर गोप जी रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुए।
बाईसा कसन कंवर
रावत चाप सिंह,-(बदनोर के जागीरदार) मेवाड़ महाराणा के लिए कई युद्ध लड़े ,राठौड़ राम सिंह की बेटी राज कंवर राठौर से पहली शादी की, जैत सिंह झाला की बेटी प्रेम कंवर झाला जी से दूसरी शादी की। (बदनोर के जागीरदार)
कुंवर परबत सिंह जी
पारस कंवर
रावत परबत सिंह,(बदनोर के जागीरदार) खानवा में युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए। (17 मार्च 1527 को), सूरजमल चैहान की पुत्री सुंदर कंवर से पहली शादी, सोलंकी जावरा जी की बेटी मान कंवर सोलंकी से दूसरी शादी की।
कुंवर बीरमदेव जी (बीका जी- बाक जी -बीको जी), उन्हें 1527 में मेवाड़ के महाराणा रतन सिंह जी द्वारा बदनोर के बदले भूताला की जागीर दी गई थी। इनके वंशज ठिकाना दुलावतों का गुड़ा में।
कुंवर खेत सिंह जी, 1534 में चित्तौड़गढ़ की दूसर शाके में वीरगति को प्राप्त हुए।
कुंवर भाकर सिंह,
ठाकुर भाकर सिंह उन्होंने महाराणा विक्रमादित्य के लिए लड़ाई लड़ी और चित्तौड़गढ़ को फिर से हासिल करने में मदद की, उन्हें कपासन की जागीर मिली, लेकिन बाद में महाराणा उदय सिंह की बेटी की शादी में हथलेवा में दे दी।
कुंवर हिंदू सिंह
ठाकुर हिंदू सिंह, उन्होंने महाराणा प्रताप के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और युद्ध के मैदान में वीरगति को प्राप्त हुए ।
कुंवर हरि सिंह
ठाकुर हरी सिंह, उन्हें 1608 में सामल की जागीर दी गई थी, जब उन्होंने महावत खाँ के खिलाफ लड़ाई लड़ी और मुगलों को मार डाला
कुंवर दयाल सिंह
ठाकुर दयाल सिंह, निसन्तान देवलोक हुए।
ठाकुर सुर सिंह, उन्हें ठिकाना दुलवातो-का-गुडा से गोद लिया गया था, जो ठाकुर देवीदास जी के पुत्र थे, उन्होंने माल सिंह लखावत देवड़ा की बेटी अजब कंवर से पहली शादी की।
कुंवर नाथू जी
कुंवर गुमान सिंह, वह अपने भाइयों के साथ बंाधनवाड़ा की लड़ाई में लड़े थे इन्होंने ठिकाना गुमान सिंह जी का गुड़ा बसाया जो कि पौत्र शिव सिंह के नाम से शिव सिंह जी का गुड़ा से नाम से जाना गया।
(नाम अज्ञात) पुत्र का
पौत्र शिव सिंह जी, मेवाड़ की सेना के सिपाही थे, मराठों के खिलाफ युद्ध के मैदान में उनकी मृत्यु हो गई और उनकी पत्नी आगरवा की जैतमालोत राठौड सती हुई।
कुंवर पृथ्वी सिंह, रणबाज खाँ के खिलाफ 1711 में बंधनवाड़ा में लड़े और महाराणा संग्राम सिंह जी द्वितीय ने उमरोद (गोल ठिकाना) की जागीर दी।
कुंवर भोप जी
ठाकुर नाथू सिंह- ने सोलंकी बाल जी की बेटी बदन कंवर के साथ विवाह किया।
कुंवर उम्मेद सिंह
कुंवर नाहर सिंह
कुंवर वगत सिंह
ठाकुर उम्मेद सिंह,- ठाकुर जय सिंह जी की पुत्री देव कुंवर राठौर से पहली शादी की, दूसरी शादी राज सिंह जी की पुत्री मोहन कंवर सोलंकी से, तीसरी शादी नाथू सिंह जी की पुत्री रूप कंवर राठौड़ से की
कुंवर सवाई सिंह
कुंवर जोरावर सिंह
कुंवर भीम सिंह, उन्होंने झील का निर्माण किया (भीम जी बाजी का तालाब)
कुंवर प्रेम सिंह
कुंवर कीरत सिंह
ठाकुर सवाई सिंह, भगवत सिंह जी की बेटी जेत कंवर राठौर से पहली शादी की
कुंवर बुध सिंह
कुंवर प्रताप
भंवर राज सिंह (पाट बिराजे)
कुंवर रतन सिंह, दुलवातो-का-गुडा के जागीरदार बने।
कुंवर दूल्हे सिंह
कुंवर केशर सिंह
कुंवर चतर सिंह
कुंवर तख्त सिंह
ठाकुर बुद्ध सिंह, प्रथम शादी कसन कुंवर कुम्पावत राठौड़ बेटी सगत सिंह जी , रणछोड़ सिंह जी की बेटी कैलाश कुंवर कुम्पावत से दूसरी शादी और तीसरी शादी नाथु कंवर लखावत देवडा बेटी सहर सिंह जी
कुंवर अजीत सिंह
कुँवर मोहकम सिंह निसंतान शान्त हुए।
ठाकुर अजीत सिंह -ने प्रथम शादी सरूप कुंवर कुम्पावत बेटी शम्भु सिंह जी की (ऽ प्रताप सिंह के पुत्र राज सिंह को गोद लिया गया था)
ठाकुर राज सिंह - हरि सिंह की बेटी नवल कंवर राठौड़ से शादी, दूसरी शादी भवानी सिंह जी की नवल कुंवर कुम्पावत से की, तीसरी शादी भगत सिंह जी की पुत्री सेहर कुंवर डोडिया
कुंवर सलाम सिंह (नवल राठौर द्वारा)
कुंवर गुमान सिंह ( कुम्पावत द्वारा)
कुंवर भवानी सिंह (सेहर डोडिया द्वारा)
ठाकुर सालम सिंह- ने प्रेम सिंह की बेटी बदन कुँवर कुम्पावत से शादी की, दूसरी शादी उदय कंवर से की जो कि खेम सिंह सिंधल की पुत्री से,, तीसरी शादी लाखगढ़ के बुध सिंह जी की पुत्री राज कंवर चावड़ा से हुई।
कुंवर लाल सिंह (पाट बिराजे)
कुंवर सरदार सिंह (पाट बिराजे)
कुंवर गुलाब सिंह
कुंवर रघुनाथ सिंह
कुंवर भभुत सिंह
कुंवर अचल सिंह
ठाकुर लाल सिंह- ने बदन कुंवर चंपावत से शादी की उदय सिंह की बेटी थी, जो ठिकाना श्याम सिंह जी की पोती थी।
कुंवर चमन सिंह, (पाट बिराजे) निसन्तान निधन।
कुंवर लक्ष्मण सिंह का निसन्तान निधन हो गया।
कुंवर उम्मेद सिंह
ठाकुर चमन सिंह ने - बेरीसाल जी की पुत्री गेहर कुंवर जेतावत से शादी की, ठिकाना जसोल के लक्ष्मण सिंह जी की पुत्री लाकर सिंह जी की पौत्री प्रेम कुंवर महेचा की दूसरी शादी की। निसंतान देवलोक हुए। काकोसा सरदार सिंह जी बाद में पाट बिराजे।
ठाकुर सरदार सिंह -ने ठिकाना डि(हि)गाई के मूल सिंह जी की बेटी, बेटी रतन कुंवर देवडा से शादी की और दूसरी शादी ओनड़ सिंह की बेटी कसन कुँवर उदावत से की
कुंवर हमेर सिंह का निसंतान निधन हो गया
कुँवर तेज सिंह का निसन्तान निधन (पाट बिराजे)
कुंवर मूल सिंह की निसन्तान मृत्यु हो गई (पाट बिराजे)
कुंवर केशर सिंह
मेहताब कंवर
ठाकुर तेज सिंह- ने ठिकाना लखमा की रूप सिंह जी भाटी की बेटी सणगार कुंवर रावलोत से शादी की
ठाकुर मूल सिंह- ने ठिकाना हामुजा के सोहन सिंह जी की बेटी जोरावर कुंवर चंपावत की पहली शादी की, दूसरी शादी खुमान सिंह जी की उगम कुंवर तंवर से की।
दरियाव कंवर शादी ठि. बांकनी करवाई।
छगन कंवर शादी ठि. देवसीनी करवाई
ठाकुर पन्ने सिंह जी(गोद आए ठिकाना दुलावतों का गुड़ा के ठाकुर जीवन सिंह के पौत्र व जुंजार सिंह का पुत्र) का निसंतान निधन हुआ। उन्होंने ठिकाना तलाबाली के नवल सिंह जी की बेटी भूर कंवर सोलंकी से शादी की थी।
ठाकुर भीम सिंह-(गोद आए वह ठिकाना दुलवातो-का-गुड़ा के ठाकुर लाल सिंह जी के पुत्र थे।)े पहली शादी उन्डीथल के अनूप सिंह जी की बेटी मोहन कंवर देवड़ा से शादी की, दूसरी शादी ठिकाना सोडा के चमन सिंह जी की बेटी बरज कंवर राठौर से शादी की। तलवार बन्ध(उतराधिकारी शुल्क) के 700 रू. दिए।
कुंवर राम सिंह (पाटवी) (बरज कंवर द्वारा)
कुंवर हडमत सिंह (मोहन कंवर द्वारा) दुलावतो-का-गुडा के ठाकुर बने
कुंवर लक्ष्मण सिंह
कुंवर हरि सिंह
कुंवर पप्पू सिंह
ठाकुर राम सिंह जी- ने ठाकुर दुर्जन सिंह जी डोडवा(सिरोही) की पौत्री पीर सिंह जी बेटी की पारस कंवर डूंगरोत देवड़ा से शादी की।
कुंवर प्रमोद सिंह ने ठिकाना मालारी के ठाकुर गोपाल सिंह जी (पूर्व कृषि अधिकारी) की बेटी मनीता कंवर चंपावत से शादी की।
बाईसा कुसुम कंवर ने ठाकुर रण बहादुर सिंह जी के बेटे कुलदीप सिंह जी मेडंतिया से शादी की।
दुलावत सरदार की छतरी
रावछ मे सामल ठाकुर परिवार की छतरी
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